कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है।. मेरे साथ लोगों ने कैसा खेल खेला है, कल भी मन अकेला था आज भी अकेला है। चाहते है अब खुशबू कागजी गुलाबों में ,प्यार सिर्फ मिलता है, आजकल कित...
क्या ज़िन्दगी में यही सब होता है क्या ..? जिसे अपन चाहें या जिसे अपन पंसद करें।। चाहे वो कुछ भी हो सकता हैं। जरूरी ही नही की कोई आम व्यक्ति ही हो जिसे अपन पसन्द करे। पंसद तो कोई जॉ...