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Showing posts from February, 2018

अकेले

कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है।.       मेरे साथ लोगों ने कैसा खेल खेला है, कल भी मन अकेला था आज भी अकेला है। चाहते है अब खुशबू कागजी गुलाबों में ,प्यार सिर्फ मिलता है, आजकल कित...